Everything about Shiv chaisa
Everything about Shiv chaisa
Blog Article
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
शिव भजन
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
अर्थ: पवित्र मन से इस पाठ को करने से भगवान शिव कर्ज में डूबे को भी समृद्ध बना देते हैं। यदि कोई संतान हीन हो तो उसकी इच्छा को भी भगवान शिव का प्रसाद निश्चित रुप से मिलता है। त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन करवाने, ध्यान करने और व्रत shiv chalisa lyricsl रखने से किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं रहता।
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
जरत सुरासुर भए विहाला ॥ कीन्ही दया तहं करी सहाई ।
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥
मात-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥